Friday, December 21, 2018

मिस्ट्री बॉलर वरुण चक्रवर्ती के सात अजूबे

आईपीएल 2019 के लिए क्रिकटर्स की नीलामी में जिन दो खिलाड़ियों के लिए सबसे अधिक पैसे खर्च किए गए वो हैं वरुण चक्रवर्ती और जयदेव उनादकट.

आईपीएल के 12वें सीज़न के लिए उनादकाट और वरुण चक्रवर्ती को एक बराबर 8.4 करोड़ रुपए में क्रमशः राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब ने ख़रीदा.

जयदेव उनादकाट जहां पहले भी आईपीएल खेल चुके हैं और पिछली सीजन में इसी टीम के लिए खेले थे.

वहीं, वरुण चक्रवर्ती पहली बार आईपीएल खेलेंगे और मंगलवार की शाम जब उनके नाम की बोली लगी, वो तब से चर्चा में बने हुए हैं.

एक तो उनके क्रिकेट छोड़ कर पढ़ाई करने, नौकरी करने और फिर नौकरी छोड़ कर क्रिकेट में वापसी करने से लेकर आईपीएल में चुने जाने तक की उनकी दिलचस्प कहानी की वजह से और दूसरा इस बात के लिए वो कई तरह की गेंदें फेंक सकते हैं. इस कारण वरुण को मिस्ट्री स्पिनर कहा जाता है.

वरुण की ख़ासियत पावरप्ले और स्लॉगओवर्स (मैच के अंतिम ओवर्स) में किफायती गेंदबाज़ी है. तमिलनाडु प्रीमियर लीग के दो लगातार सीज़न में वरुण ने अपनी गेंदों से कहर बरपाया.

भारत में खेल दिवस के दिन जन्मे वरुण ने स्पिन के कुछ गुर सुनील नरेन और कार्ल क्रो से सीखे हैं. क्रो इंग्लैंड के बर्कशायर के लिए खेलते हैं और इस टीम के कोच भी हैं. उन्होंने गेंदबाज़ सुनील नरेन को भी बॉलिंग गुर सिखाए हैं.

दिनेश कार्तिक ने आईपीएल 2018 में बुलाया
तमिलनाडु क्रिकेट प्रीमियर लीग की वेबसाइट के एक वीडियो इंटरव्यू में वरुण बताते हैं कि आईपीएल 2018 के नेट प्रैक्टिस के लिए दिनेश कार्तिक ने उन्हें कोलकाता बुलाया था और वहां उन्होंने पीयूष चावला, कुलदीप यादव और सुनील नरेन जैसे गेंदबाज़ों को गेंद डालते देखा, इससे गेंदबाज़ी में बहुत मदद मिली.

वो कहते हैं कि आर्किटेक्ट की पढ़ाई की वजह से उन्हें अनुमान लगाने और अपनी गेंदों को तय करने में काफ़ी मदद मिली है.

तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) में अपनी प्रतिभा दिखा चुके वरुण आखिर किन गेंदों की वजह से मिस्ट्री गेंदबाज़ हैं.

ईएसपीएन की वेबसाइट पर वैसे तो वरुण के नाम के आगे लेगब्रेक गुगली गेंदबाज़ दर्ज है. लेकिन वो इसके साथ ही ऑफ़ ब्रेक, टॉप स्पिन, कैरम बॉल और स्लाइडर गेंदें भी फेंकते हैं.

गुगलीः लेग ब्रेक एक्शन से फेंकी जाने वाली यह गेंद पिच पर गिरने के बाद बल्लेबाज़ के सामने ऑफ़ ब्रेक की तरह से आती है. अक्सर बल्लेबाज़ इस गेंद से चकमा खा जाता है क्योंकि इसमें बॉलर को अपना एक्शन बदलने की ज़रूरत नहीं पड़ती. हालांकि, इसमें लेग ब्रेक की तुलना में कलाई तेज़ी से घूमती है. इस दौरान कलाई मैदान से 180 डिग्री के कोण पर होती है.

गुगली में स्पिनर के हाथ की तीसरी उंगली गेंद को दूसरी दिशा में मुड़ने में मदद करती है. गेंद पर गेंदबाज़ की पकड़ वही रहती है बस इसकी दिशा बदल जाती है.

ऑफ़ ब्रेकः इसमें गेंद स्पिन गेंदबाज़ के हाथ से निकलने के बाद ऑफ़ साइड से लेग की तरफ घूमती है. मूल रूप से इस तरह की गेंदें ऑफ़ स्पिनर डालते हैं और वरुण चक्रवर्ती की खासियत लेग स्पिन है बावजूद इसके वो ऑफ़ ब्रेक गेंदें डालने में भी वो अच्छी पकड़ रखते हैं.

Friday, December 7, 2018

वो महिला, जिसकी वजह से अमरीका-चीन में भारी तनाव

चीन की मशहूर कंपनी ख्वावे की सीफ़ओ (चीफ़ फ़ाइनेंशियल ऑफ़िसर) मेंग वांग्ज़ो को गिरफ़्तार कर लिया गया है. वांग्ज़ो पर ईरान पर लगाए गए अमरीकी प्रतिबन्धों की शर्तों के उल्लंघन का आरोप है.

वांग्ज़ो कंपनी के संस्थापक की बेटी भी हैं. ऐसे में उनकी गिरफ़्तारी की अहमियत और उससे मिले संकेतों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना मुश्किल है. इसमें कोई शक नहीं कि ख्वावे चीनी तकनीक के ताज में लगे हीरे जैसा है और वांग्ज़ो इसकी राजकुमारी.

एक दिसंबर को एक तरफ़ जहां अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप जी-20 समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मिलकर ट्रेड वॉर में नर्मी लाने पर विचार कर रहे थे वहीं दूसरी तरफ़ मेंग वांग्ज़ो को कनाडा में गिरफ़्तार किया जा रहा था. अब वांग्ज़ो को अमरीका में प्रत्यर्पित किए जाने की तैयारी हो रही है.

हालांकि अभी ये पूरी तरफ़ साफ़ नहीं है कि वांग्ज़ो पर असल में क्या आरोप हैं. लेकिन ईरान पर लगाए अमरीकी प्रतिबन्धों की शर्तों के उल्लंघन मामले में उनकी जांच चल रही है. ये सिर्फ़ एक महिला की गिरफ़्तारी या एक कंपनी का मामला नहीं है.

ये गिरफ़्तारी अमरीका और चीन के उन रिश्तों को बुरी तरह नुक़सान पहुंचा सकती है जो पहले ही काफ़ी नाज़ुक हैं. ख़ासकर, जब दोनों देशों के सम्बन्धों का लंबा और कटु इतिहास रहा है.

सिल्क रोड रिसर्च के विनेश मोटवानी के मुताबिक, "इन सबके लिए इससे ज़्यादा ख़राब वक़्त दूसरा नहीं हो सकता था. गिरफ़्तारी के बाद अब दोनों देशों के बीच हो रही बातचीत और मुश्किल हो जाएगी. हाल के दिनों में जी-20 समिट को लेकर बाज़ार वैसे ही आशंकित थे और अब हालात पहले से कहीं ज़्यादा आंशकापूर्ण हो जाएंगे."

अमरीका और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है और इसकी वजह सिर्फ़ ट्रेड वॉर नहीं है. लेकिन ब्यूनस आयर्स में चल रही जी-20 शिखरवार्ता के बीच ऐसा लगा कि कम से कम दोनों पक्षों ने बात करने का फ़ैसला तो किया है. ऐसा भी लग रहा था कि दोनों देश मिलकर 90 दिनों के भीतर किसी सहमति पर पहुंच सकते हैं.

सम्बन्धों में कड़वाहट और ट्रेड वॉर की केंद्र में टेक्नॉलजी से जुड़े मसले भी हैं. ब्यूनस आयर्स में ये तो साफ़ नहीं हुआ था कि मतभेद सुलझाने को लेकर चीन और अमरीका किस स्तर तक एकजुट हुए हैं. लेकिन ये सच है कि इसे वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए कुछ सकारात्मक माना जा रहा था.

Monday, December 3, 2018

बुलंदशहर: कब, क्या और कैसे हुआ?

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से क़रीब उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर ज़िला सन्नाटे में है. यहां के स्याना इलाके में सोमवार को एक पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी गई. इसके अलावा एक और आदमी के मारे जाने की ख़बर है.

पुलिस के मुताबिक कुछ गिरफ़्तारियां की गई हैं, जबकि दूसरे हमलावरों की शिनाख़्त की जा रही है.

बुलंदशहर के एसएसपी कृष्ण बहादुर सिंह ने बीबीसी को बताया, ''इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.'' एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रशांत कुमार के मुताबिक पुलिस कथित गोहत्या की भी जांच कर रही है.

सोमवार की इस घटना के बाद इलाके में अजीब सी बेचैनी है. यहां एक हज़ार से ज़्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है और दुकानें-स्कूल बंद हैं.

लेकिन कथित गोहत्या का मामला इतना कैसे बढ़ गया कि बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी. भीड़ कैसे इतनी बेकाबू हो गई कि थाने पर हमला कर दिया गया, वाहन फूंके गए और पुलिस अधिकारी की हत्या तक कर दी गई.

इन सभी सवालों के कुछ जवाब एफ़आईआर से मिल सकते हैं. इस मामले स्याना थाना, बुलंदशहर में एफ़आईआर नंबर 0583 दर्ज की गई है.

बुलंदशहर: भीड़ की हिंसा में इंस्पेक्टर समेत दो की मौत

बुलंदशहर की हिंसा पर अब तक चुप योगी

प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147, 148, 149, 124-ए, 332, 333, 353, 341, 336, 307, 302, 427, 436, 395 और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 1932 की धारा 7, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इस एफ़आईआर में 27 लोगों को नामजद किया गया है और 50-60 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज किया गया.

'बुलंदशहर का नया नाम क्या रखेंगे योगी जी?'

एफ़आईआर में घटना के बारे में कुछ यूं बताया गया है: महाव गांव के जंगल में गोकशी की घटना की जानकारी मिली थी. पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो वहां काफ़ी भीड़ जमा थी.

पुलिस ने वहां लोगों को समझाने-बुझाने की कोशिश की. 50-60 लोगों की भीड़ को स्याना के प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह ने भी काफ़ी मनाने की कोशिश की, लेकिन कोई ख़ास कामयाबी नहीं मिली.

冠状病毒“政治危机”和后疫情世界:BBC专访历史学家赫拉利

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