Wednesday, January 30, 2019

वेनेज़ुएला में विपक्षी नेता गोइदो के ख़िलाफ़ कार्रवाई की तैयारी

वेनेज़ुएला के महाधिवक्ता ने शीर्ष अदालत से विपक्षी नेता ख़ुआन गोइदो के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने और उनके बैंक खातों को फ्रीज़ करने की अपील की है.

गोइदो ने पिछले हफ़्ते ख़ुद को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था जिसके बाद से वेनेज़ुएला में सत्ता संघर्ष चल रहा है.

अमरीका समेत लगभग 20 देश जहां गोइदो को राष्ट्रपति के तौर पर मान्यता दे रहे हैं जबकि राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को रूस और चीन समेत कुछ अन्य देशों का समर्थन हासिल है.

इस महीने राष्ट्रपति मादुरो ने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली थी. मगर विपक्ष ने वोटों में धांधली के आरोप लगाए थे और चुनावों का बहिष्कार किया था.

इसके बाद विपक्ष के नेता ख़ुआन गोइदो की अपील के बाद वेनेज़ुएला में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 21 जनवरी लेकर अब तक कम से कम 40 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों को गिरफ्तार किया गया है.

मंगलवार को वेनेज़ुएला के अटॉर्नी जनरल तारेक विलियम सआब ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि एहतियाती क़दम उठाकर गोइदो के देश छोड़ने परप्रतिबंध लगाया जाए और उनकी संपत्तियों को फ्रीज़ कर दिया जाए.

जैसे ही अमरीका ने कहा कि उसने अपने यहां के बैंकों में मौजूद वेनेज़ुएला के खातों का नियंत्रण गोइदो को दो दिया है, उसके कुछ समय बाद ही वेनेज़ुएला में यह क़दम उठाया गया.

माना जा रहा है कि मादुरो के प्रति झुकाव दिखाता रहा सुप्रीम कोर्ट इस मामले में भी महाधिवक्ता की मांग को मानते हुए आदेश जारी कर सकता है.

अमरीकी बैंकों में मौजूद खातों का नियंत्रण ख़ुआन गोइदो को देने से परहले अमरीका ने वेनेज़ुएला की सरकारी तेल कंपनी पीडीवीएसए पर प्रतिबंध लगाते हुए देश की सेना से सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को स्वीकार करने के लिए कहा था.

अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने प्रतिबंधों को लेकर कहा है कि 'राष्ट्रपति निकोलस मादुरो और उनके सहयोगी अब वेनेज़ुएला के लोगों की संपत्ति को नहीं लूट पाएंगे.'

अमरीकी वित्त मंत्री स्टीवेन मनूशिन ने कहा है कि अब से वेनेज़ुएला के तेल की बिक्री का पैसा मादुरो की सरकार तक नहीं पहुंचेगा. .

उनके मुताबिक़ तेल कंपनी ख़ुआन गोइदो को देश का नेता मानकर प्रतिबंधों से बच सकती है.

उन्होंने कहा कि अमरीका स्थित सहायक कंपनी सिटगो अपना काम चालू रख सकती है लेकिन इसके लिए उसे अमरीका में सुरक्षित खाते में पैसा जमा कराना होगा.

वेनेज़ुएला अपने तेल की बिक्री के लिए अमरीका पर निर्भर है. वेनेज़ुएला अपने तेल निर्यात का 41 प्रतिशत अमरीका को करता है.

यही नहीं, वो अमरीका को कच्चा तेल देने वाले दुनिया के चार सबसे बड़े उत्पादक देशों में भी शामिल है.

दूसरी ओर विपक्षी नेता ख़ुआन गोइदो ने वेनेज़ुएला की कांग्रेस से कहा है कि वो सरकारी तेल कंपनी पीडीवीएसए और सहायक कंपनी सिटगो के नए प्रमुखों की नियुक्ति करे.

गोइदो देश की तेल संप्पतियों से होने वाली कमाई को अपने हाथों में लेना चाहते हैं.

वेनेज़ुएला की सरकार ने देश की राष्ट्रीय मुद्रा बोलीवार के मूल्य में पैंतीस फ़ीसदी की कटौती भी कर दी है ताकि उसे काले बाज़ार की विनिमय दर के बराबर लाया जा सके.

दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक देशों में शामिल वेनेज़ुएला इस समय गंभीर आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुज़र रहा है.

इसी वजह से दसियों लाख लोग अब तक देश छोड़कर पड़ोसी देशों में जा चुके हैं. यहां से लोगों के पलायन करने का सिलसिला जारी है.

Tuesday, January 22, 2019

कुंभ पर अरबों रुपए ख़र्च कर सरकार को क्या मिलता है?

प्रयागराज में संगम किनारे रेतीली ज़मीन पर बसने वाले अस्थाई कुंभ नगर की चकाचौंध देखकर कोई भी अंदाज़ा लगा सकता है कि इस पूरी व्यवस्था के लिए सरकार ने अरबों रुपए खंर्च किए होंगे.

इन्हीं चमकदार रोशनियों के बीच गुज़रते हुए बरबस ही यह ख़्याल मन में उठने लगता है कि आख़िर इतने बड़े आयोजन और ख़र्च के ज़रिए सरकार को क्या हासिल होता होगा, उसे कितनी आय होती है या फिर राजस्व के लिहाज़ से उसे कोई लाभ होता है या नहीं?

इन तमाम सवालों के जुड़े कोई आंकड़े सरकार के पास नहीं है.

हालांकि जानकारों का कहना है कि सरकार को प्रत्यक्ष लाभ भले ही न हो लेकिन परोक्ष रूप से यह आयोजन सरकारों के लिए घाटे का सौदा नहीं होता है.

मौजूदा कुंभ की बात की जाए तो इस बार सरकार इसके आयोजन पर क़रीब 4200 करोड़ रुपए ख़र्च कर रही है जो कि पिछली बार हुए कुंभ की तुलना में तीन गुना ज़्यादा है. राज्य सरकार ने इसके लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट में 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था और कुछ राशि केंद्र सरकार की ओर से भी दी गई थी.

भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई ने एक अनुमान लगाया है कि 49 दिन तक चलने वाले इस मेले से राज्य सरकार को क़रीब एक लाख 20 हज़ार करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है.

हालांकि ख़ुद सरकार ने इस तरह का कोई अनुमान अब तक नहीं लगाया है लेकिन मेला क्षेत्र के ज़िलाधिकारी विजय किरण आनंद कहते हैं कि सरकार को आय होती है ज़रूर है.

बीबीसी से बातचीत में विजय किरण आनंद कहते हैं कि सरकार को यह आय दो तरह से होती है, एक तो प्राधिकरण की आय है और दूसरी जो कई तरीक़े से होते हुए राज्य के राजस्व खाते में जाती है.

उनके मुताबिक़, "प्राधिकरण मेला क्षेत्र में जो दुकानें आवंटित करता है, तमाम कार्यक्रमों की अनुमति दी जाती है, कुछ व्यापारिक क्षेत्रों का आवंटन किया जाता है, इन सबसे थोड़ी बहुत आय होती है. मसलन इस बार हम लोगों ने क़रीब दस करोड़ रुपये कमाए हैं कुंभ मेले से. लेकिन परोक्ष रूप से इसकी वजह से राज्य के राजस्व में काफ़ी लाभ होता है जिसका हम लोग इस बार अध्ययन भी करा रहे हैं."

विजय किरण आनंद कहते हैं कि पिछले कुंभ, अर्धकुंभ या फिर हर साल प्रयाग क्षेत्र में लगने वाले माघ मेले में अब तक इस तरह का आंकड़ा जुटाने का प्रयास नहीं किया लेकिन इस बार किया जा रहा है.

सीआईआई की एक रिपोर्ट की मानें तो मेले के आयोजन से जुड़े कार्यों में छह लाख से ज़्यादा कामगारों के लिए रोज़गार उत्पन्न हो रहा है. रिपोर्ट में अलग-अलग मदों पर होने वाले राजस्व का आंकलन किया गया है जिसमें आतिथ्य क्षेत्र, एयरलाइंस, पर्यटन, इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों से होने वाली आय को शामिल किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक़ इन सबसे सरकारी एजेंसियों और व्यापारियों की कमाई बढ़ेगी.

यही नहीं, कुंभ में इस बार जगह-जगह लक्ज़री टेंट, बड़ी कंपनियों के स्टॉल इत्यादि की वजह से भी आय की संभावना जताई जा रही है.

हालांकि लखनऊ के आर्थिक पत्रकार सिद्धार्थ कलहंस इस आंकलन को बहुत भरोसेमंद नहीं मानते हैं. वो कहते हैं, "इस बार अर्धकुंभ है, सरकार भले ही इसे कुंभ प्रचारित कर रही है. अर्धकुंभ में भी ज़्यादातर लोग आस-पास से ही आते हैं जबकि कुंभ में बाहर से आने वालों की तादाद काफ़ी होती है. इसलिए जो लोग आ रहे हैं, वो अर्थव्यवस्था में बहुत ज़्यादा योगदान देने वाले लोग नहीं हैं."

सिद्धार्थ कलहंस के मुताबिक़ बड़ी कंपनियां सिर्फ़ अपने प्रचार-प्रसार के मौक़े तलाशने यहां आई हैं, उन्हें कारोबार से ज़्यादा न तो उम्मीद है और न ही वो कमाई कर पा रही हैं.

उनके मुताबिक़, "छोटे व्यापारी और पंडे जो कमाई करते हैं उससे भी सरकार को कुछ न कुछ राजस्व की प्राप्ति होती ही है लेकिन ये राशि इस आयोजन पर ख़र्च होने वाले धन की तुलना में बहुत कम होती है."

बताया जा रहा है कि कुंभ में पंद्रह करोड़ लोगों के आने की संभावना है और इस लिहाज़ से कुछ गणनाएं ऐसी भी की गई हैं कि यदि हर व्यक्ति लगभग 500 रुपये ख़र्च कर रहा है तो ये आंकड़ा क़रीब 7500 करोड़ रुपये के ऊपर पहुंचता है.

मेले में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक ऑस्ट्रेलिया, यूके, कनाडा, मलेशिया, सिंगापुर, साउथ अफ़्रीका, न्यूज़ीलैंड, ज़िम्बावे और श्रीलंका जैसे देशों से भी आ रहे हैं.

राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने मेहमानों को रहने के लिए और अन्य जगहों की यात्रा साथ-साथ करने संबंधी टूरिज़म पैकेज भी निकाला है और निजी क्षेत्र में तंबुओं में ठहरने का एक दिन का किराया दो हज़ार रुपये से लेकर पैंतीस हज़ार रुपये तक बताया जा रहा है.

कुंभ और महाकुंभ का आयोजन क्रमश छठे और बारहवें साल पर होता है जबकि इसी जगह पर प्रयागराज में माघ मेला हर साल लगता है. सरकार इन मेलों पर भारी मात्रा में ख़र्च करती है. वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र कहते हैं कि सरकार को सीधे भले ही राजस्व की प्राप्ति ज़्यादा न होती हो लेकिन परोक्ष रूप से तो लाभ पर्याप्त होता ही है.

उनके मुताबिक़, "सरकार ने कभी आकलन नहीं कराया है लेकिन ये मेले पर ख़र्च की गई राशि से कहीं ज़्यादा होती है. इसकी वजह ये है कि सरकार को विभिन्न चैनलों के माध्यम से और विभिन्न तरीक़े से आय होती है. हां, सीधे तौर पर देखा जाए तो ये घाटे का ही सौदा लगता है."

Friday, January 18, 2019

中国台湾之争:苹果、亚马逊被批“错误标示”港澳台

中国点名多家世界500强企业错误标示台湾,施压国际企业更改台湾名称,台湾政府对此表达抗议和谴责。

中国社科院出版《网络法治蓝皮书》——中国网络法治发展报告,内容却聚焦包括苹果、亚马逊和耐克等知名跨国公司在内的世界500强企业网站如何标示台湾和香港。

报告称,有66家世界500强外企错误标示中国台湾,有53家外企错误标示中国香港,另外有45家外企同时错误标示中国台湾和中国香港。

去年,中国施压多家国际航空公司、跨国连锁酒店集团和跨国零售商更改网站上的台湾名称,指责这些国际企业在网站上将台湾和香港与中国分开并列。

中美建交40年:台湾如何在大国之间找出自己的路
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《网络法治蓝皮书》报告指出,在2017年世界500强企业中,外企为385家,其中有83家企业母语官方网站涉及中国领土标示问题。

其中,联合信贷集团正确标示中国台湾,但错误标示中国香港;圣戈班集团、瑞士ABB集团、耐克公司、斯巴鲁公司等9家公司错误标示中国台湾,但正确标示中国香港;苹果、亚马逊、西门子、宏利金融等4家公司错误标示中国港、澳、台三地。

报告承认,在调研中发现,仅有少部分500强外企恪守“一个中国”的原则。

蓝皮书主编支振锋认为,应该利用现行法律法规处置相关违法违规行为,采取措施要求整改或予以处罚。

航空公司改名风波 台湾研拟反制措施再引争议
从“改名风波”看台湾的国际身份危机
台湾政府表态反击中国施压 朝野民间反响强烈

对此,台湾总统府发言人黄重谚表示,台湾不会因中国的压力而低头。

他说,不论是对台湾强加“一国两制”或者以政治介入经济的手段,威胁各国企业更改台湾名称,都是干预各国内部事务的粗暴行为。

这样的做法不但冲击国际社会的稳定,也让中国失去国际信任与尊敬,同时对两岸关系的良性发展是一种公然破坏。

“对中国相关失控的国际行为,我们要提醒国际社会正视,并共同协力维护自由民主的价值与国际社会的安全与稳定。”

台湾外交部也发表声明强烈抗议与严厉谴责,并重申中国政府必须正视中华民国台湾存在的事实,台湾绝非中华人民共和国的一省,也不受中国政府管辖。

蔡英文指中国单方面改变现状 国台办称两岸非朝美关系
哪些公司把台湾列做“国家”或写成“中国台湾”
名称加注引发争议 中国加大压制台湾国际空间
中美“政治正确”口水战 双方强硬措辞的背后

Thursday, January 10, 2019

मारुति की कारें 10000 रुपए तक महंगी हुईं, बढ़ी हुई कीमतें आज से लागू

मारुति की कुछ कारें 10,000 रुपए तक महंगी हो गई हैं। कंपनी ने बुधवार को रेग्युलेटरी फाइलिंग में जानकारी दी कि बढ़ी हुई कीमतें गुरुवार से लागू हो जाएंगी। हालांकि, यह नहीं बताया कि कौन-कौन से मॉडल के रेट बढ़ाए गए हैं। 

2.53 लाख रुपए से 11.45 लाख तक की गाड़ियां बेचती है मारुति

मारुति देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है। यह एंट्री लेवल की अल्टो से लेकर प्रीमियम सेगमेंट की एस-क्रॉस जैसी गाड़ियां बेचती है। दिल्ली में इन गाड़ियों की एक्स-शोरूम कीमत 2.53 लाख रुपए से 11.45 लाख रुपए तक है।

मारुति ने दिसंबर में ही ये घोषणा कर दी थी कि नए साल में कारों के दाम बढ़ाएगी। कंपनी का कहना है कि कच्चा माल महंगा होने और करंसी एक्सचेंज रेट बढ़ने की वजह से प्रोडक्शन कॉस्ट में इजाफा हुआ है। इसलिए, कारों की कीमत बढ़ाने का फैसला लेना पड़ा।

बॉक्सर एमसी मैरीकॉम अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) की वर्ल्ड रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंच गईं है। मैरीकॉम ने पिछले साल नई दिल्ली में वर्ल्ड चैम्पियन बनी थीं। यह उनका छठा वर्ल्ड चैम्पियनशिप खिताब था। उन्हें 48 किलोग्राम भार वर्ग में 1700 अंक मिले हैं। हालांकि, अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक खेलों में मैरीकॉम 48 की जगह 51 किलोग्राम भार वर्ग में चुनौती पेश करेंगी।

मैरीकॉम ने 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स और पोलैंड में हुए एक टूर्नामेंट में गोल्ड जीता था। वहीं, बुल्गारिया में सत्रान्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। मैरीकॉम के नाम कुल वर्ल्ड चैम्पियनशिप में छह, एशियन गेम्स में एक, एशियन चैम्पियनशिप में पांच, कॉमनवेल्थ गेम्स में एक और एशियन इंडोर गेम्स में एक गोल्ड जीता है।

सोनिया लाठेर 57 किलोग्राम भार वर्ग में दूसरे स्थान पर

दूसरी ओर, भारत की पिंकी जांगड़ा 51 किलोग्राम भार वर्ग और मनीषा मउन 51 किलोग्राम भार वर्ग में आठवें स्थान पर पहुंच गईं। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में रजत पदक जीत चुकीं सोनिया लाठेर 57 किलोग्राम भार वर्ग में दूसरे स्थान पर कायम हैं।

बैठक के बाद ट्रम्प ने ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट किया- मैंने उन लोगों को बाय-बाय कह दिया। उनसे कहा कि कुछ और काम नहीं करेगा।

अमेरिकी संसद में डेमोक्रेट सांसद चक शूमेर ने कहा- ट्रम्प ने बैठक के दौरान एक तरह से मेज पर हाथ पटका। इसके बाद वे खड़े हुए और बैठक से बाहर निकल गए।

शूमेर ने कहा- हमें एक बार फिर ट्रम्प का झल्लाहट भरा और चिड़चिड़ा मिजाज देखने को मिला, क्योंकि उन्हें कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा है।

बैठक में मौजूद ट्रम्प समर्थकों के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ने डेमोक्रेट सांसदों से कहा कि वे इस प्रोजेक्ट की फंडिंग के लिए राजी हों ताकि हम कष्टकारी शटडाउन को खत्म करें।

रिपब्लिकन सांसद केविन मैककार्थी ने बताया कि रिपब्लिकन नेता बातचीत के लिए भी राजी नहीं हैं। उनकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ट्रम्प के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।

दबाव बनाने के लिए ट्रम्प ने साइन नहीं किए स्पेंडिंग बिल
ट्रम्प ने इस दीवार का प्रस्ताव इसलिए रखा है ताकि वे अमेरिका में खतरनाक घुसपैठियों, ड्रग डीलर और मानव तस्करों को आने से रोक सकें। उधर, डेमोक्रेटिक नेताओं का कहना है कि बॉर्डर की वास्तविक समस्याओं पर यह दीवार कुछ ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाएगी। अमेरिकी संसद पर दबाव डालने के लिए ट्रम्प ने स्पेंडिंग बिल पर साइन करने से इनकार कर दिया। इसकी वजह से अमेरिकी सरकार के 80 हजार कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्टर्स पिछले तीन हफ्तों से बिना वेतन के हैं।

Thursday, January 3, 2019

कश्मीर में भारी बर्फबारी, करगिल में माइनस 17 डिग्री पहुंचा पारा

कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में अगले चार दिनों तक भारी बर्फबारी हो सकती है। तीनों राज्यों में हिमपात के भी आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस सक्रिय हो गया है। इस हफ्ते एक के बाद एक कई मजबूत वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बनते दिख रहे हैं। इसके चलते अगले एक-दो दिन में मैदानी इलाकों में सर्दी बढ़ने के आसार हैं।

पर्यटन स्थल गुलमर्ग में सुबह 8.8 मिमी और कुपवाड़ा में 7.4 मिमी बर्फ गिरी। इसका असर यह हुआ कि श्रीनगर का पारा 4.2 डिग्री गिरकर शून्य डिग्री पहुंच गया। करगिल में पारा माइनस 17 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। लद्दाख क्षेत्र में तापमान माइनस 12.4 डिग्री सेल्सियस तक बना हुआ है। ओडिशा में भी 10 जगहों पर तापमान 10 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। तेलंगाना में ऑरेंज और आंध्र में यलो अलर्ट जारी किया गया है।

दो घंटे तक दिल्ली एयरपोर्ट से नहीं निकल सकीं फ्लाइट
दिल्ली में गुरुवार सुबह से घना कोहरा छाया रहा। इसकी वजह से यहां के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुबह 2 घंटे कोई भी विमान उड़ान नहीं भर सका। यहां आने वाले तीन विमानों का मार्ग भी बदला गया। आने वाले दिनों में दिल्ली समेत उसके आसपास के इलाकों में बारिश हो सकती है।

घाटी में बर्फीले तूफान और हिमस्खलन की आशंका
कश्मीर में जोजिला, सोनमर्ग, द्रास, करगिल, लेह और उत्तरी कश्मीर में अगले 48 घंटों के दौरान मौसम विभाग ने बर्फीले तूफान की चेतावनी जारी की है। हिमाचल प्रदेश में शिमला, धर्मशाला, बिलासपुर, लाहौल-स्पीति रोहतांग पास जैसे पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और बारिश होने के आसार हैं। उत्तराखंड में बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री सहित उत्तरी इलाकों खासकर ऊंचे स्थानों पर बर्फ गिरने की संभावना है।

दिल्ली में हो सकती है बारिश
शीत लहर से जूझ रहे दिल्ली समेत 12 राज्यों को दो से तीन दिनों तक राहत मिलने के आसार कम हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी का असर मैदानों पर भी पड़ेगा। 5-6 जनवरी को दिल्ली और आसपास इलाकों में बारिश हो सकती है। जनवरी में दिसंबर से दो गुना बारिश होती है। 7 जनवरी के बाद मैदानी राज्यों में शीतलहर का प्रकोप बढ़ सकता है। दिसंबर में दिल्ली का औसतन तापमान 6.7 डिग्री सेल्सियस रहा। यह 50 साल में सबसे कम है।

राजस्थान: माइनस से बाहर आया प्रदेश का तापमान
प्रदेशवासियों को सर्दी से कुछ राहत मिली है। बुधवार को प्रदेश में पारा माइनस से बाहर आ गया। राज्य के सिर्फ तीन शहरों का तापमान 5 डिग्री से कम रहा। फतेहपुर में 1.5 डिग्री और माउंट आबू में 4.4 डिग्री और भीलवाड़ा में 3.9 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। राजधानी जयपुर में भी पारे में भी कमी आई। यहां तापमान 7.9 डिग्री दर्ज किया गया।

एनडीआरएफ के पास उच्च क्षमता के पंप नहीं थे। घटना के दो हफ्ते बाद एयरफोर्स से पंप पहुंचाने के लिए मदद मांगी गई।
जिला कमिश्नर को एक हफ्ता पंप मंगाने के लिए मेघालय सरकार को चिठ्ठी लिखने में, दूसरा हफ्ता कोल इंडिया से मदद मांगने में लग गया।
एनडीआरएफ के गोताखोर 40 फीट गहराई तक ही जा सकते हैं। नौसेना के गोताखोर 29 दिसंबर को मौके पर पहुंचे।
ओडिशा से फायर टीम संयोजन में कमी और लोकल प्रशासन की खामियों के चलते पहुंचने में देरी हुई।
हाईपावर पंपों की इसलिए जरूरत
350 फीट गहरी खदान में 70 फीट तक पानी भरा है। पहले पंपों से पानी निकालने की कोशिश की गई थी। यह इंतजाम नाकाफी हो गया था, इसलिए इसे रोक दिया गया था। बचाव दलों ने हाईपावर पंपों की मांग की थी ताकि पानी तेजी से बाहर निकाला जा सके। माइन सेफ्टी और कोल इंडिया के अफसरों ने भी पानी निकालने के लिए हाईपावर पंपों के इस्तेमाल का सुझाव दिया था।

冠状病毒“政治危机”和后疫情世界:BBC专访历史学家赫拉利

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